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| आज से कुछ समय पहले डिस्टेंस एजुकेशन को लेकर लोंगो की सोच कुछ विपरीत थी । लेकिन बदलते वक्त के साथ आज के दौर में डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व बढ़ता जा रहा है । भारत में अन्य देशो की अपेक्षा उच्च शिक्षित लोग काफी न्यनतम है, जबकि अन्य विकसित देशो में उच्च शिक्षा का स्तर काफी ऊपर है । आज के समय में शिक्षा की नयी तकनिकी याने हाय-टेक तकनिकी ने जन्म लिया है, इसी परिवेश के चलते शिक्षा के स्वरूप और माध्यमों में भी काफी बदलाव आया है । लोग अब डिस्टेंस एजुकेशन को अपना रहे है । इसके कई कारण भी जैसे हर साल कई विद्यार्थी बारहवीं पास करते है, तो सभी के लिए रेग्युलर कॉलेज में जगह मिल पाना संभव नहीं हो पाता है । ऐसे में कई विद्यार्थी डिस्टेंस एजुकेशन को एक बेहतर विकल्प के तौर पर चुनते है । डिस्टेंस लर्निंग, कॉरेस्पॉन्डेंस, ओपन लर्निंग या पत्राचार में कोई फर्क नहीं होता है। लोगो में एक भ्रम होता है की डिस्टेंस एजुकेशन या कॉरेस्पोंडेंस कोर्स को मान्यता प्राप्त नहीं होती है, परन्तु ये पूर्णतः गलत है, क्योकि कई कॉलेज, इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी डिस्टेंस कोर्स में एडमिशन देते है और ये सभी मान्यता प्राप्त होते है | डिस्टेंस एजुकेशन का एक ऐसा भी रूप है, जिसमे ऐसी कई संस्थाए है जोकि ऑटोनोमस संस्थाए है | जिनके सेल्फ डिजाइन कोर्सेज उन तमाम छोटी-बड़ी इंडस्ट्री के लिए सर्टिफिकेट से लेकर डिप्लोमा तक पढ़ाते है, जोकि आपको आपकी नौकरी में आगे बढ़ाने के लिए एवं आधुनिकतम बनाने के लिए आपको सहायक बनाते है | वहाँ से भी आप अपना एजुकेशन कम्पलीट कर सकते है | क्योकि ऐसे संस्थान हाय-टेक होने के साथ-साथ आपको लाइव प्रेक्टिकल ट्रेनिंग करवाते है | इन ऑटोनोमस संस्थानों के पास कई हजार प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन कोर्स उपलब्ध होते है, जोकि आपको किसी रेग्युलर यूनिवरसिटी और कॉलेज में देखने को नहीं मिलते है | ये संस्थाए बहुत ही प्रोफेशनली आपको ट्रेनड करती है, जोकि आपकी जॉब के लिए बहुत ही उपयोगी होता है | साथ ही ये संस्थाए केवल कामकाजी व्यक्तियों को ही एजुकेट करती है | जैसे ही आप अपना बेसिक डिग्री और प्रोफेशनल डिग्री कम्पलीट करके जॉब की तरफ रुख करते है ये कॉरेस्पोंडेंस प्रोफाइल सर्टिफिक्शन आपको आपकी इंडस्ट्री में ग्रो करने में मदद करता है | ये सर्टिफिकेशन 3 माह से लेकर 3 साल तक के अलग-अलग स्ट्रीम और अलग-अलग इंडस्ट्री के हिसाब से होते है | आप अपने जॉब प्रोफाइल के अनुसार किसी भी सर्टिफिकेशन कोर्स को चुन सकते है | डिस्टेंस एजुकेशन आपको जॉब के साथ-साथ पढ़ाई करने की सहूलियत देता है। लेकिन कई स्टूडेंट्स इसके महत्व को लेकर कन्फ्यूज्ड रहते हैं। यह एजुकेशन स्टूडेंट्स के लिए कितना बेनिफीशियल हो सकता है, यह पूरी तरह से स्टूडेंट पर ही निर्भर करता है। अगर आप डिस्टेंस मोड से अपना एजुकेशन करना चाहते है, तो डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम की पूरी एनालिसिस करे ताकि आपके लिए डिसीजन लेना आसान हो जाए। आज के परिपेक्ष्य में विजुअल क्लासरूम लर्निंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीफ़ोन कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये डिस्टेंस एजुकेशन को और लचीला बनाया गया है । जिसका अर्थ है की विद्यार्थी को नियमित तौर पर संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती है। हर कोर्स के लिए क्लासेज की संख्या तय होती है, और वे घर बैठे या अपने शहर में मौजूद संस्थान के सेंटर पर जाकर पढ़ाई कर सकते है । आज के दौर में अपने करियर को आगे ले जाने में क्वालिफिकेशन एक महत्वपूर्ण पायदान माना जाता है । जॉब करते हुए क्लासेज कर पाना मुश्किल होता है, इसीलिए डिस्टेंस एजुकेशन की व्यस्था का जन्म हुआ है । अब आप कमाई के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी पूर्ण कर सकते है । डिस्टेंस एजुकेशन का फायदा हर उस व्यक्ति को है जो महंगे एजुकेशन अफॉर्ड नहीं कर पाते या फिर उनको भी जो पहले से ही अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए जॉब कर रहे है और उनकी पढ़ाई अधूरी रह गई है । वे लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं, जो किसी कारणवश घर से बाहर निकल कर पढ़ाई नहीं कर सकते | डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी एक बड़ी कंपनी में 40% आवेदको की उच्च शिक्षा डिस्टेंस मोड से ही पूर्ण हुई होती है । अगर भारत में समाज के सभी तबकों को समान शिक्षा दिलाना है तो ये केवल डिस्टेंस एजुकेशन से ही संभव हो सकता है | आप डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा आसानी से ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट आदि सभी कोर्स कर सकते हैं। साथ ही डिस्टेंस के कोर्सों की मान्यता कहीं कम नहीं आंकी जाती । ये भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं जितने की रेग्युलर कोर्स।
डिस्टेंस एजुकेशन की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस क्षेत्र में अनेक संस्थाए, यूनिवर्सिटी, सरकारी और प्राइवेट संस्थाए डिस्टेंस एजुकेशन के तहत शहर से लेकर गाव तक हर व्यक्ति को शिक्षित करने का प्रयास कर रही है | जिस व्यक्ति के लिए शिक्षित होना नामुमकिन था अब वो व्यक्ति भी आसानी और कम खर्चीली शिक्षा प्राप्त कर समाज की मुख्यधारा में अपने आपको खड़ा करके आगे बड़ा सकता है |
Уजैसे भगवान को मंदिरो में नहीं ढूंढा जाता, भगवान आपके ह्रदय में होते है |
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