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सेहत के लिए लाभकारी है अनानास, पढ़े इसके फायदे

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अनानास यानी पाइनेपल बाहर से सख्त लेकिन अंदर से जूसी फल होता है। इसका खट्टा मीठा टेस्ट लोगों को बहुत पसंद जाता है। अनानास को ऐसे ही खाना के अलावा, इसका जूस निकालकर पिया जाता है या फिर फ्रूट सैलेड में भी इसे डाला जाता है। अनानास सिर्फ स्वाद ही नहीं, स्वास्थ्य लाभ के मामले में भी काफी आगे है। एक अनानास कई बीमारियों का नाश कर सकता है। 
 
अनानास में ब्रोमेलेन नाम का एक तत्व होता है जिसमे एंटी-इनफ्लेमेटरी और फाइब्रीनोलिटिक तत्व होते हैं। ये तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है। इसके अलावा, अनानास में विटामिन सी भी उच्च मात्रा में पाया जाता है जो कि इम्यून सिस्टम को बढ़ाकर इंफेक्शन्स से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
 
अनानास आपकी हड्डियों के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें मैगनीज़ पाया जाता है। मैगनीज़ एक ऐसा पोषक तत्व है जो हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, ब्रोमेलीन के एंटी इनफ्लेमटरी तत्व अर्थराइटिस जैसी जोड़ों की गंभीर समस्या में भी राहत पहुंचाते हैं। मीठा फल होने के बावजूद अनानास में ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कैलोरी बहुत कम होती है। इसका अर्थ ये है कि डायबिटीज़ के मरीज़ बिना ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की चिंता किये इसे आराम से खा सकते हैं।
 
अनानास में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फ्री रैडिकल्स की सफाई करके बैड कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीडेशन होने से बचाते हैं और दिल की बीमारियों का जोखिम कम करते हैं। अनानास में मौजूद ब्रोमेलेन धमनियों के अंदर रक्त जमाव और सूजन को रोकता है, इससे भी दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। 
 
जिन लोगों को शरीर में बहुत ज्यादा सूजन रहती हो उन्हें रोजाना अनानास के दो से तीन पीस खाने चाहिए। जिन लोगों को पथरी है या किडनी स्टोन का दर्द उठता है उन्हें रोजाना एक गिलास अनानास का जूस पीना चाहिए। इससे किडनी स्टोन का दर्द कम होगा।
 
अनानास फाइबर का अच्छा स्रोत है। फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और आंतों को स्वस्थ रखते हैं। इसमें मौजूद ब्रोमेलेन पेट के एसिड को नियंत्रण में रखता है जिससे कि एसिडिटी भी नहीं होती। 
 
अनानास अपने विशिष्ट गुणों के कारण आंखों की दृष्टि के लिए भी उपयोगी होता है। पूर्व में हुए शोधों के मुताबिक दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ कम होती आंखों की रोशनी का खतरा कम हो जाता है। आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह कैंसर के खतरे को भी कम करता है।


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