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जानिए ऑनलाइन रिटेलर कंपनी ऐमजॉन के मालिक जेफ बेज़ोस के बारे में

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ऐमजॉन एक ऐसा नाम है जिससे अब कोई भी व्यक्ति अनजान नहीं है। आज यह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी बन चुकी है | यह भारत में भी इतनी लोकप्रिय हो चुकी है, फॉरेस्टर के हालिया सर्वे में ऐमजॉन ने देसी कंपनी फ्लिपकार्ट को भी पीछे छोड़ दिया है।

ऐमजॉन कंपनी की शुरुआत करने वाले जेफ बेजोस का जन्म 12 जनवरी 1964 को हुआ | बेजोस के मातृ पूर्वज उपनिवेशी थे जो टेक्सास में रहते थे और जिन्होंने पीढी दर पीढी कार्य करते हुए कोटुला में एक 25,000 एकड़ (101 किमी2 या 39 मील2) के पशु-फ़ार्म का अधिग्रहण कर लिया। बेजोस के नाना अल्बुकर्क में संयुक्त राज्य परमाणु ऊर्जा आयोग में क्षेत्रीय निदेशक थे। उन्होंने जल्दी ही अवकाश ले लिया और वे अपने पशु-फ़ार्म पर कार्य करने लगे, जहां बेजोस ने अपनी जवानी की ग्रीष्मकालीन छुटियाँ अपने नाना जी के साथ कार्य करते हुए बिताई | बेजोस यहाँ पशु फ़ार्म के परिचालन से सम्बंधित विविध प्रकार के कार्य किया करते थे। छोटी उम्र में ही, उन्होंने यांत्रिकी कार्यों के प्रति जबरदस्त योग्यता दिखाई - जब वे एक बच्चे थे तभी उन्होंने पेचकस से अपना पालना खोलने का प्रयास किया।

जेफ बेजोस के जन्म के समय उनकी माता जैकी, स्वयं एक किशोरी थी और उनका जन्म अल्बुकर्क, न्यू मैक्सिको में हुआ था । बेजोस के पिता के साथ उनका विवाह एक वर्ष से भी कम समय के लिए चला | जब जेफ पाँच वर्ष के थे, तब उन्होंने दूसरा विवाह, मिगुअल बेजोस के साथ कर लिया। मिगुअल का जन्म क्यूबा में हुआ था और 15 वर्ष की उम्र में वे अकेले ही संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए थे और फिर अपनी मेहनत के बल पर वे अल्बुकर्क विश्वविध्यालय तक पहुँच गए। शादी के बाद, यह परिवार ह्यूस्टन, टेक्सास, चला गया और मिगुअल यहाँ एक्सॉन नामक कंपनी में इंजीनियर बन गए। जेफ ने ह्यूस्टन में चौथी से छठी कक्षा तक रिवर ओक्स एलीमैंट्री में पढाई की | बेजोस ने कम उम्र में ही विविध वैज्ञानिक वस्तुओं के प्रति तीव्र रूचि दिखाई | उसने अपनी व्यक्तिगतता बनाए रखने के लिए और अपने छोटे भाई बहनों को अपने कमरे से दूर रखने के लिए एक अलार्म कमरे में गुप्त रूप से लगा दिया | उसने अपने माता पिता के गैरेज को अपनी विज्ञान परियोजनाओं के लिए एक प्रयोगशाला में बदल दिया | बाद में, यह परिवार मियामी, फ्लोरिडा, चला गया जहां बेजोस ने मियामी पालमेंटो सीनियर हाई स्कूल में अध्ययन किया। जब वे उच्च विद्यालय में थे, तब उन्होंने फ्लोरिडा विश्वविध्यालय में छात्र विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। इस प्रशिक्षण का लाभ उन्हें 1982 में तब मिला जब उन्होंने सिल्वर नाईट पुरस्कार से नवाजा गया। उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्रवेश लिया, परन्तु जल्दी ही वे उससे उकता गए और उन्होंने फिर से कंप्यूटरों की और रुख किया और फिर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की उपाधी अत्यधिक प्रशंसा (सुम्मा कम लौड़े) के साथ प्राप्त की | उनके इस बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें फी बेटा कप्पा नामक संस्था सम्मान के रूप में अपनी संस्था की सदस्यता भी दी | 2008 में बेजोस को कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में मानद डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया।

प्रिंसटन विश्वविद्यालय से 1986 में स्नातक होने के बाद, बेजोस ने वाल स्ट्रीट में कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम किया। फिर उन्होंने फिटेल नामक कंपनी के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक नेटवर्क बनाने का कार्य किया। इसके बाद बेजोस ने बैंकर्स ट्रस्ट के लिए, उप-राष्ट्रपति के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में डी. ई.शॉ और कम्पनी के लिए भी काम किया।

90 के दशक में शॉपिंग की दुनिया में एक ऐसी खोज हुई जिसका असर दुनिया पर अभी तक चल रहा है। बेजोस ने 1994 में, न्यूयॉर्क से लेकर सिएटल तक सम्पूर्ण देश का भ्रमण करने के बाद, amazon.com की स्थापना की | ऐमजॉन की व्यापार योजना वे भ्रमण के दौरान रास्ते में लिखते थे। अमेरिका मे तेजी से बढ़ रहे इंटरनेट को देखते हुए जेफ ने अपनी नौकरी छोड़ इंटरनेट कंपनी खोलने का फैसला लिया । जेफ के दिमाग में एक आइडिया आया ऑनलाइन रिटेस का। इसके लिए जेफ ने ऑनलाइन बेचे जा सकने वाले 20 प्रॉडक्ट्स की लिस्ट बनायीं। किताबों की कम कीमत और कभी न खत्म होने वाली मांग को देखते हुए जेफ ने ऑनलाइन किताब बेचने के लिए वेबसाइट का काम शुरू किया ।

ऐमजॉन के साथ अपने कार्य के दम पर वे एक प्रमुख डॉट-कॉम उद्यमी और अरबपति बन गए। 2004 में, उन्होंने ब्लू ओरिजिन नामक एक मानव स्पेस फ्लाईट नामक एक स्टार्टअप कंपनी की स्थापना की | वॉल स्ट्रीट में नौकरी करने वाले जेफ बेजोस इंटरनेट क्रांति को बहुत करीब से देख रहे थे।

1995 में जेफ ने amazon.com की शुरूआत की। तब इस स्टार्टअप का ऑफिस वाशिंगटन में उनके घर का गैरेज था। जेफ को उनकी फैमिली का भी साथ मिला। कंपनी की शुरुआती फंडिंग उनके माता पिता ने ही की। वह बताते हैं कि जब उन्होंने अपने पापा को अपने प्लान के बारे में बताया तो उन्होंने पूछा, "इंटरनेट क्या होता है?" जेफ का कहना है कि उनके पिता को मेरे आइडिया पर नहीं बल्कि मुझ पर भरोसा था।

कंपनी को पहले दो हफ्तों में ही भविष्य नजर आ गया। महज दो हफ्तों में कंपनी की कमाई 20 हजार डॉलर हर हफ्ते होने लगी। जेफ रेवन्यू को कंपनी की ग्रोथ में लगाते रहे। दो महीनों में ही ऐमजॉन ने अमेरिका के 50 राज्यों में अपना बिजनस शुरू कर दिया। ऐमजॉन का रेवन्यू प्लान अलग ही था। कंपनी ने 4-5 साल प्रॉफिट का नहीं सोचा था। कंपनी के स्टॉकहोल्डर्स इस से परेशान थे। 21वीं सदी के आते ही जब डॉटकॉम का गुबारा फुटा तो अधिकतर ऑनलाइन कंपनियां उससे बुरी तरह प्रभावित हुई लेकिन ऐमजॉन उसके बाद और मजबूत हुआ। कंपनी को प्रॉफिट पहली बार 2001 में हुआ।

1999 में टाइम मैगजीन ने जेफ बेजोस को "पर्सन ऑफ द इयर" माना। मैगजीन ने कहा कि ऐमजॉन की वजह से ऑनालाइन शॉपिंग लोकप्रिय हुई है | ऐमजॉन अपने आप को दुनिया का सबसे बड़ा बुकस्टोर कहता था। इस क्लेम पर ऐसा ही दावा करने वाले बुकस्टोर ने केस किया। बाद में मामला कोर्ट के बाहर ही सुलझा लिया गया। 1998 में वॉलमार्ट ने ऐमजॉन पर अपने सीक्रेट्स चुराने का आरोप लगाते हुए केस किया। यह मामला भी कोर्ट के बाहर निपटा लिया गया। ऐमजॉन ने 1997-98 में कई ऐसी कंपनियां खरीदीं जो ऑनलाइन कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचती थीं। इस तरह ऐमजॉन किताबों के अलावा दूसरे सामानों को ऑनलाइन बेचने लगा। इससे पहले ऐमजॉन किताबों के अलावा म्यूजिक सीडी और कैसेट बेचता था। 2013 में जेफ ने अमेरिका के पुराने अखबारों में से एक वाशिंगटन पोस्ट को खरीद कर सबको चौंका दिया। यह डील 250 मिलियन डॉलर की थी।

ऐमजॉन ने इंडिया में अपनी वेबसाइट 2013 में शुरू की। कुछ ही दिनों में कंपनी ने भारत के बढ़ते ऑनलाइन मार्केट पर पकड़ बना ली। देखते ही देखते ऐमजॉन ने भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट को भी पीछे छोड़ दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा में जेफ से मुलाकात भी की। जेफ ने बताया कि ऐमजॉन भारत में 5 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट करेगा। ऐमजॉन कई बार भारतीयों के निशाने पर भी आई। ऐमजॉन की वेबसाइट पर ऐसे डोरमैट ऑनलाइन बुकिंग के लिए उपलब्ध थे जिस पर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर लगी हुई थी। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भी फूटा। लोगों ने इसे हिंदुओं की भावनाएं आहत करने वाला बताया।

फोर्ब्स के अनुसार जेफ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। जेफ ने वॉरेन बफेट को भी पीछे छोड़ दिया है। बेजोस की कुल संपत्ति 64.9 बिलियन डॉलर है। बेजोस को व्यापार प्रक्रिया विवरण में उनकी रूचि के लिए जाना जाता है। जैसा कि कोंडे नास्ट के पोर्टफोलियो.कॉम में वर्णित किया गया है, वे " एक ही समय पर जहां एक तरफ एक निश्चिन्त मुग़ल हैं वहीं दूसरी तरफ एक कुख्यात माइक्रोमैनेजर हैं।... एक ऐसे कार्यकारी हैं जो ऐमजॉन से सम्बंधित प्रत्येक बात जानना चाहते हैं चाहे वह अनुबंध की बारीकियां हो या उन्हें ऐमजॉन की प्रेस विज्ञप्ति में किस तरह से उद्धृत किया गया है।"

 

आर्टिफिशियल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एएआई) एक ऐसा शब्द है जिसे जैफ बेजोस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सन्दर्भ में गढ़ा है। प्रौसेसिंग से सम्बंधित कुछ कार्य, जैसे कि किसी तस्वीर को देख कर यह पहचानना कि दिखाया गया व्यक्ति महिला है या पुरुष, अभी भी कंप्यूटर की तुलना में मनुष्यों द्वारा तेजी से किये जाते हैं। एआई अभी तक इस तरह के कार्यक्रमों की प्रोग्रामिंग के लिए पर्याप्त नहीं है। एएआई से तात्पर्य है कि कंप्यूटर प्रोग्राम के इस तरह के हिस्सों को मनुष्यों को आउटसोर्स कर देना | अमेज़न यांत्रिक तुर्क में अंतर्निहित सिद्धांत एएआई है। 1999 में उन्हें टाइम पत्रिका ने वर्ष के व्यक्ति नामक सम्मान से नवाजा | 2008 में, यू.एस.न्यूज़ और वर्ल्ड रिपोर्ट ने उन्हें अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ नेताओं में से एक के रूप में चयनित किया।

अपनी वेबसाइट Amazon.com पर उन्होंने कई नई विशेषताए को जोड़ा, जैसे वन क्लिक शॉपिंग, ग्राहक समीक्षा और ईमेल आर्डर वेरिफिकेशन | जेफ बेज़ोस अपने कर्मचारियों को नया काम करने के लिए प्रोत्साहित करते है | 1999 में ऐमजॉन ओक्सन के माध्यम से नीलामी सेवा का विचार पूरी तरह असफल रहा, लेकिन जेफ बेज़ोस कहते है, "हम बहुत से अंधरे रास्तो पर आगे बढ़ते है और कभी - कभार हम ऐसी चीजे खोज लेते है, जो सचमुच काम करती है |" किन्डल रीडर के माध्यम से E books की बिक्री जेफ बेज़ोस का एक ऐसा इनोवेशन है, जिसने पुस्तक उधोग में क्रांति कर दी और ऐमजॉन को शिखर पर पहुंचा दिया |

ऐमजॉन का पहला लोगो नदी पर बने रास्ते की तरह था जिस पर A बना हुआ था। अब ऐमजॉन के लोगो में A to Z के साथ मुस्कुराता चेहरा बना है जो बताता है कि कंपनी कुछ भी डिलीवर खुशी के साथ करती है और ए टू जेड बताता है कि यहां ऑनलाइन डिलीवर होने वाली हर चीज मिलती है।


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