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एक्सिस बैंक की CEO शिखा शर्मा पर भी गाज गिरी और उनके चौथे कार्यकाल पर सवाल खड़े हो गए| RBI ने बैंक बोर्ड को चिट्ठी लिखकर उनके चौथे कार्यकाल पर दोबारा विचार करने को कहा| वहीं, इसके कुछ दिन बाद ही शिखा शर्मा ने खुद ही अपना कार्यकाल घटाने की गुजारिश की|
बोर्ड ने उसे स्वीकार कर लिया| हालांकि, शिखा शर्मा की यह गुजारिश जरा चौंकाने वाली है| क्योंकि, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 5 ऐसी गलतियां की, जिसकी वजह से उन्हें इस साल के आखिर में अपना पद छोड़ना होगा| सूत्रों की मानें तो रिजर्व बैंक ने इशारों में शिखा शर्मा को चौथा टर्म देने से इनकार कर दिया|
3 साल 300% बढ़ा एनपीए
पिछले तीन साल में एक्सिस बैंक का नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) 300% से ज्यादा बढ़ गया| दिसंबर 2009 की आखिर तिमाही में एक्सिस बैंक का एनपीए 1173 करोड़ रुपए था| जो दिसंबर 2017 के आखिर में बढ़कर 25,001 करोड़ रुपए तक पहुंच गया| इस तरह, दिसंबर 2010 में ग्रॉस एनपीए 1.23% था, जो 2017 तक बढ़कर 5.23% तक पहुंच चुका है|
शुद्ध मुनाफे में भारी गिरावट
एक्सिस बैंक की अकेली समस्या फंसा कर्ज नहीं है| वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2015-16 में 2175 करोड़ के मुकाबले घटकर महज 597 करोड़ रुपए रह गया| हालांकि, वित्त वर्ष 17-18 में इसमे थोड़ी वृद्धि हुई और यह 726 करोड़ रुपए पर पहुंच गया|
NPA में मिली गड़बड़ी
आरबीआई की शिखा शर्मा से नाराजगी का प्रमुख कारण एनपीए है| आरबीआई को एनपीए के आकलन में बैंक की ओर से गड़बड़ियां मिलीं| इसके लिए आरबीआई ने एक्सिस बैंक पर 3 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था| आरबीआई ने स्पष्ट कहा कि एक्सिस बैंक ने इनकम रिकॉग्निशन ऐंड ऐसेट क्लासिफिकेशन (आईआरसीए) नियमों का पालन नहीं किया|
नोटबंदी के दौरान घोटाला
आरबीआई की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह भी है कि 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार की ओर से घोषित नोटबंदी के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुराने नोट अवैध तरीके से बदले|
वॉट्सऐप पर लीक हुए तिमाही नतीजे
एक्सिस बैंक के कर्मचारियों ने जून 2017 तिमाही के रिजल्ट्स जारी होने से पहले ही वॉट्सऐप पर लीक कर दिए थे| इस मामले में बैंक सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की जांच के दायरे में है|
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