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हैदराबाद की मक्का मस्जिद बम विस्फोट केस में सोमवार को स्वामी असीमानंद समेत पांच आरोपियों को NIA की अदालत ने क्लीन चिट दे दी| हालांकि 11 साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाने के चंद घंटों बाद ही NIA कोर्ट के जज के. रवींद्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया| उन्होंने निजी कारणों को इस्तीफा देने की वजह बताई है| इसके बावजूद इस्तीफे के साथ कयासों का दौर भी शुरू हो गया|
रेड्डी, चौथे एडीशनल मेट्रोपॉलिटन सेशन जज थे| उन्होंने मेट्रोपोलिटन सेशंस जज और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को खत लिखकर इस्तीफा दिया| उन्होंने इस्तीफा स्वीकार किए जाने तक 15 दिनों के तत्काल अवकाश की अर्जी भी दी| वह 2014 से इस केस की सुनवाई कर रहे थे| हैदराबाद में चौथे एडीशनल मेट्रोपोलिटन सेशंस कोर्ट को एनआईए केसों को देखने के लिए अधिकृत किया गया है|
रेड्डी तेलंगाना ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं| 2016 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों के आवंटन के खिलाफ रेड्डी और एक अन्य जज वी वारा प्रसाद के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ था| इस कारण इन जजों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी और इनको सस्पेंड किया गया था| वी वारा प्रसाद जजों की एसोसिएशन के सेक्रेट्री और रंगारेड्डी जिले के सेशंस जज थे| इन जजों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होने के बाद बाकी जजों ने इनके समर्थन में इस्तीफा दे दिया था| उसके बाद इनका निलंबन खत्म हुआ|
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