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देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर और चेयरमैन कंपनी को अलविदा कह सकते हैं| कुछ मीडिया रिपोटर्स में दावा किया जा रहा है कि फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल कंपनी से अलग होने का मन बना चुके हैं|
गौरतलब है कि अमेरिका की शीर्ष रिटेल कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) और फ्लिपकार्ट की डील अंतिम चरण में है| दूसरी तरफ यह भी खबर है कि अमेजन ने फ्लिपकार्ट की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का ऑफर दिया है| सूत्रों की मानें तो यह डील वॉलमार्ट को फाइनल होने की उम्मीद ज्यादा है|
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार सचिन बंसल फ्लिपकार्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं हैं| मीडिया रिपोटर्स में दावा किया जा रहा है कि वॉलमार्ट से समझौते के बाद सचिन बंसल अपना पद छोड़ सकते हैं| लेकिन सचिन बंसल कंपनी में बने रहेंगे| गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल की 10 फीसदी की हिस्सेदारी है| इसमें 5.5 प्रतिशत शेयर सचिन बंसल के पास और 4.5 फीसदी बिन्नी बंसल के पास हैं|
रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वालमॉर्ट जून के अंतिम हफ्ते तक फ्लिपकार्ट के शेयर खरीदने की तैयारी में है| मीडिया रिपोटर्स में यह भी बताया गया है कि वॉलमार्ट सचिन बंसल और बिन्नी बंसल में से एक को ही रखना चाहती है|
36 वर्षीय सचिन बंसल और 35 साल के बिन्नी बंसल ने IIT दिल्ली में साथ-साथ पढ़ाई की| फ्लिपकार्ट शुरू करने से पहले दोनों ने अमेजन में नौकरी की| इसके बाद उन्होंने बेंगलुरू में ऑनलाइन बुक स्टोर के तौर 5 सितंबर 2007 को फ्लिपकार्ट की शुरुआत की| सचिन और बिन्नी ने पहली बार कैश ऑन डिलीवरी की शुरुआत की| इसके बाद धीरे-धीरे लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग के प्रति विश्वास पैदा होता गया| इन्वेस्टर में फ्लिपकार्ट के प्रति विश्वास पैदा होता गया और कई लोगों ने बड़ा निवेश किया|
मौजूदा समय में फ्लिपकार्ट का टर्न ओवर करीब 20 हजार करोड़ रुपये है| आज कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 18-20 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये) है| इसमें से 13 हजार करोड़ रुपये की हिस्सेदारी सचिन और बिन्नी बंसल की है|
फ्लिपकार्ट में बड़े हिस्सेदार
- सॉफ्टबैंक---23.6 प्रतिशत
- टाइगर ग्लोबल---20.5 प्रतिशत
- नेस्पर्स---13 प्रतिशत
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