Visitors online: 001

1 दिन में ही 100 से अधिक जान लेने वाले अंधड़/तूफान इस बार इतने भयानक क्‍यों हैं?

Home » Headlines

इस बार उत्‍तर भारत में धूल भरी आंधियों/अंधड़, तूफान, बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं अप्रत्‍याशित रूप से देखने को मिल रही हैं| पिछले बुधवार को ऐसी ही घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की जानें चली गई| 
 
अब फिर से अगले दो दिनों के भीतर इस तरह के अंधड़(duststorm) की चेतावनी जारी की गई है| इसकी भयावहता या तीव्रता का आकलन इस तरह किया जा सकता है कि इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाकायदा 13 राज्‍यों को इसके बारे में एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा है| हरियाणा के स्‍कूलों में तो 7-8 मई को बाकायदा छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है| इस संदर्भ में बड़ा सवाल यह उठता है कि वैसे तो आमतौर पर हर साल इन महीनों में आंधियां आती ही हैं लेकिन इस बार ये इतनी तबाही क्‍यों मचा रही हैं?
 
ये धूल, मिट्टी और रेत के घने बादलों से भरी ऐसी तेज हवाएं होती हैं जो मुख्‍य रूप से शुष्‍क और अर्द्ध-शुष्‍क क्षेत्रों में साल के इन्‍हीं महीनों में देखने को मिलती हैं| अंधड़ बेतहाशा गर्मी की वजह से उपजते हैं और इसमें बादलों में उपस्थित जल धरती तक पहुंचने से पहले ही वाष्‍प बनकर उड़ जाता है| इस कारण इसमें उपस्थित धूल शुष्‍क होती है और तेज हवाएं इनको धरती से 500 मी ऊपर तक ले जाती हैं| इन हवाओं की रफ्तार 100 किमी/घंटे और कुछ मामलों में तो 130किमी/घंटे तक होने के कारण ये भीषण रूप अख्तियार कर लेती हैं और जान-माल के लिहाज से भारी तबाही लाती हैं| हालांकि जब इन हवाओं की रफ्तार 50 किमी/घंटे के आस-पास होती है और इसमें बिजली जोरदार ढंग से कड़कती है और उपस्थित नमी के कारण बारिश होती है तो इसको ओलावृष्टि/तूफान (Thunderstorm) कहते हैं|


न्यूज़पेपर में दिया गया जॉब कोड दिए गए    Textbox में दर्ज करे और जॉब सर्च करे



Quick Links