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बेरोजगारी नहीं रह जाएगी समस्या, केवल इस क्षेत्र में 1 करोड़ रोजगार की क्षमता

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देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSMEs) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता है| नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड सॉल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है|
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में MSME का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है| 
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र को दोहरी जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाना होगा| कृषि क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों को तो संभालना ही होगा इसके साथ ही श्रम बल में शामिल होने वाले नये बल की जिम्मेदारी भी इसी क्षेत्र पर होगी| एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ यानी 70 प्रतिशत रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है. देश में विभिन्न कारोबार में एमएसएमई का विस्तार हुआ है|


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